सफलता में वैसे तो बहोत साइंटिस्ट का बहोत बड़ा रोल है। पर एक नाम पूरी दुनिया में अभी बहोत चर्चा में है वो है ."राकेट वीमेन"
कौन है रॉकेट वीमेन
रितु करीधल इसरो में एक वरिष्ष्ठ सइंस्टिस्ट है । लखनऊ की रहनेवाली रितु 1997 में इसरो में शामिल हुई
पढ़ाई
उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से भौतिकी में बीएससी की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में एमई की डिग्री प्राप्त की।
उपलब्धिया
डॉ. रितु को पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा 'इसरो यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड' मिल चुका है।2007 में इसरो यंग साइंटिस्ट अवार्ड उन्हें सोसायटी ऑफ इंडियन एयरोस्पेस टेक्नोलॉजीज एंड इंडस्ट्रीज (SIATI) द्वारा '2015 में MOM के लिए इसरो टीम अवार्ड', 'ASI टीम अवार्ड', 'वीमेन अचीवर्स इन एयरोस्पेस, 2017' भी मिला है।
योगदान
अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय प्रकाशनों में 20 से अधिक पत्र प्रकाशित किए हैं, और उन्होंने इसरो के कई प्रतिष्ठित मिशनों पर काम किया है, जिनमें शामिल हैं: द मार्स ऑर्बिटर मिशन (मंगलयान), चंद्रयान -1 मिशन, चंद्रयान -2 मिशन, जीएसएटी -6 ए मिशन, GSAT-7A मिशन
रॉकेट वीमेन
इस लिए उन्हें" भारत की "रॉकेट वीमेन" कहा जाता है.उनका योगदान भारत के स्पेस रीसर्च में महत्त्व पूर्ण है.
12Th ART के बाद ये CAREER चुनोगें तो लाइफ में हमेशा खुश रहेंगे।