World Hepatitis Day 2023

हेपेटाइटिस लिवर से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है जिसे प्रति लोगों को जागरूक करने से मकसद से हर साल 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाया जाता है

LIVER

लिवर हमारे शरीर का एक अहम अंग है। यह शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकालने के साथ ही कई सारे महत्वपूर्ण कार्य करता है। हेपेटाइटिस लिवर से जुड़ी एक गंभीर समस्या है

डॉ. बारूक ब्लमबर्ग

डॉ. बारूक ने ही हेपेटाइटिस बी वायरस (एचबीवी) की खोज की थी और इस वायरस के लिए एक रीक्षण और टीका विकसित किया था। 28 जुलाई को नोबेल-पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक डॉ. बारूक ब्लमबर्ग के जन्मदिवस के मौके पर मनाया जाता है।

हेपेटाइटिस लिवर में होने वाली सूजन है, जो वायरस, शराब के सेवन, विषाक्त पदार्थों या कुछ दवाओं सहित विभिन्न कारकों के कारण हो सकती है।

क्या है हेपेटाइटिस?

वारयल इन्फेक्शन्स

वारयल इन्फेक्शन्स

हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी और ई विशेष प्रकार के वायरस के कारण होते हैं, जो लिवर को प्रभावित करते हैं।

शराब और नशीली दवाएं

अत्यधिक शराब के सेवन और कुछ दवाओं से अल्कोहलिक हेपेटाइटिस या ड्रग इन्ड्यूस्ड हेपेटाइटिस हो सकता है।

ऑटोइम्यून डिजीज

कुछ मामलों में, शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से लिवर पर हमला कर करने लगती है, जिससे ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस हो सकता है।

हेपेटाइटिस के लक्षण

पीलिया (Jaundice), त्वचा और आंखों का पीला पड़ जाना मूत्र का रंग गहरा हो जाना  अत्यधिक थकान  मतली उल्टी पेट दर्दऔर सूजन खुजलाहट भूख कम लगना वज़न का घटना

हेपेटाइटिस की पहचान कैसे करें

वायरल हेपेटाइटिस और हेपेटाइटिस के एक्यूट कारणों का पता लगाने के लिए व्यक्ति का ब्लड टेस्ट और क्लीनिकल तस्वीर पर्याप्त है। पुराने मामलों के लिए, ब्लड टेस्ट उतना उपयोगी नहीं हो सकता है। ऐसे मामले में, इसकी पहचान करने के लिए एक लाइव बायोप्सी बेहतर विकल्प है।

रोग का निदान

लीवर फंक्शन टेस्ट (liver function tests) • पेट का अल्ट्रासाउन्ड (ultrasound) • ऑटोइम्यून ब्लड मार्कर (autoimmune blood markers) • हेपैटाइटिस ए, बी और सी का टेस्ट (hepatitis A,B, or C) • लीवर बायोपसी ( liver biopsy) • पैरासेनटेसीस (paracentesis)

ट्रीटमेंट या इलाज

एक्यूट हेपेटाइटिस (एचएवी एण्ड एचइवी) से राहत कुछ हफ्ते में मिल जाता है। क्रॉनिक हेपेटाइटिस के लिए दवाई लेने की ज़रूरत होती है। लीवर खराब हो जाने पर लीवर ट्रांसप्लैनटेशन भी एक विकल्प है।

रोकथाम

हेपैटाइटिस बी और सी का रोकथाम वायरस के संक्रमण के पथ को कम करके हो सकता है- • अपना रेजर, टूथब्रश और सूई को किसी से शेयर न करें, इससे इन्फेक्शन का खतरा कुछ हद तक कम किया जा सकता है। • टैटू करने के वक्त उपकरणों से सावधान रहें। • कान को छेद करते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि वह साफ हो। • सेक्स करते वक्त सावधानी बरतें। बच्चों को हेपेटाइटिस से बचाव के लिए टिका दिया जाता है। सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एण्ड प्रिवेन्शन [ Center for Disease Control and Prevention (CDC)] के सलाह के अनुसार 18 साल के उम्र तक और उससे वयस्क लोगों को छह से बारह महीने में तीन डोस दी जाती है, इससे वे इस बीमारी से पूरी तरह से सुरक्षित रख सकते हैं।