कंजाक्तिविटिस

राजधानी दिल्ली सहित देश के कई अन्य हिस्सों में कंजंक्टिवाइटिस यानी आई फ्लू के मामले काफी तेजी से बढ़ते हुए देखे जा रहे हैं।

कंजक्टिवाइटिस लक्षण

– एक या दोनों आंखों का लाल या गुलाबी दिखाई देना। – एक या दोनों आंखों में जलन या खुजली होना। – आसामान्य रूप से अधिक आंसू निकलना। – आंखों से पानी जैसा या गाढ़ा डिस्चार्ज निकलना। – आंखों में किरकिरी महसूस होना। – आंखों में सूजन आ जाना, यह लक्षण आमतौर पर एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस के कारण दिखाई देते हैं।

कंजक्टिवाइटिस प्रकार 

 01. वायरल कंजक्टिवाइटिस 02 . बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस 03 . एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस

संक्रमण को फैलने से कैसे रोकें?

– अपनी आंखों को अपने हाथ से न छुएं। – जब भी जरूरी हो अपने हाथों को धोएं। – अपनी निजी चीजों जैसे तौलिया, तकिया, आई कॉस्मेटिक्स (आंखों के मेकअप) आदि को किसी से साझा न करें। – अपने रूमाल, तकिये के कवर, तौलिये आदि चीजों को रोज़ धोएं।

डॉक्टर के पास कब जाये 

– आंखों में तेज दर्द होना। – आंखों में तेज चुभन महसूस होना। – नज़र धुंधली हो जाना। – प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता। – आंखें अत्यधिक लाल हो जाना।

उपचार

– वायरल कंजक्टिवाइटिस:  वायरल कंजक्टिवाइटिस के लिए कोई उपचार उपलब्ध नहीं है। 7-8 दिनों में इसके लक्षणों में अपने आप सुधार आ जाता है। वैसे वार्म कम्प्रेस (कपड़े को हल्के गरम पानी में डुबोकर आंखों पर रखना) से लक्षणों में आराम मिलता है।

बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस:   बैक्टीरिया के किसी भी संक्रमण के लिए एंटीबायोटिक्स सबसे सामान्य उपचार है। बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस में एंटीबायोटिक्स आई ड्रॉप्स और ऑइंटमेंट (मरहम/जैल) के इस्तेमाल से कुछ ही दिनों में आंखें सामान्य और स्वस्थ्य होने लगती हैं।

एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस:  एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस में बाकी लक्षणों के साथ आंखों में सूजन भी आ जाती है। इसलिए इसके उपचार में एंटी हिस्टामिन आई ड्रॉप्स के साथ एंटी इन्फ्लैमेटरी आई ड्रॉप्स भी दी जाती हैं।

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